जागेश्वर से दिल्ली
वहाँ से निकल कर हम अपनी बस में आ कर बैठ गए। एल.ओ साहिब सब को जल्दी करने के लिए बोल रहे थे। तभी हमारी बस को एल.ओ साहिब ने आगे चलने के लिए बोला। पर हमारी बस में शीलेश भाई आये नहीं थे। वो पीछे भागते हुए आये। सभी यात्रियों ने बस को रुकवाया। जैसे ही वो बस में चढ़े उन्होंने एल.ओ साहिब को ऊँचा ऊँचा बोलना शुरू कर दिया। बस का माहौल थोड़ी देर के लिए ख़राब सा हो गया था। शायद इस का कारण वही पुराने संसार का वातावरण हैं। जिस में हम एक महीना पहले थे। इस वातावरण में वही प्रदुषण, मानसिक तनाव, मक्कारी, शोर-शराबा था। प्रकृति का दिव्य रूप, पवित्र वातावरण का असर कम होना शुरू हो गया था, जिसे हम पीछे छोड़ आये थे।
दोपहर 12.30 के करीब
हम काठगोदाम
पहुँच गए। वहाँ हम
ने गेस्ट हाउस
में भोजन किया। वहाँ
K.M.V.N की
तरफ से अभिनन्दन
समारोह में यात्रा पूर्ण होने पर
उपहार स्वरुप कुमायूँनी
आर्ट की प्रतिलिपि
और K.M.V.N
ने सर्टिफिकेट दिया।
आगे की यात्रा
के लिए काठगोदाम
में कुमाऊ मंडल
विकास निगम द्वारा
एयर कंडीशन्ड बस
थी। बस
आगे दिल्ली से
80 -90 कि.मी. पहले
एक होटल के
पास रुकी। जहाँ पूर्व
कैलाशी गुलशन भाई
अपने साथियो सहित
हमारे स्वागत और
चाय की व्यवस्था
की हुई थी। हम
कृतज्ञ है गुलशन
भाई के अथितय
और सेवा भाव
के। श्री गुलशन
भाई को शत
शत नमन। वही बस में मैंने सब यात्रियों ( एक-एक यात्री का ) का यात्रा के सम्बन्ध में उनके अनुभवों के बारे में वीडियो रिकॉर्डिंग की।
आठ बजे के
करीब हम दिल्ली
गुजराती समाज सदन
पहुँचे। हम
जैसे ही उतरे
दिल्ली वासियो के परिवारजनों
ने हमें गले
से लगा लिया।
हम अंदर गए
और श्री उदय
कौशिक जी के
कमरो में जा
कर शिवलिंग
को नमन किया।
जिन्होंने कृपा करके
अपने धाम बुलाया
और सकुशल यात्रा
संपूर्ण कराकर मेरा सपना
सार्थक कराया और प्रसाद
ग्रहण किया । श्री
उदय जी ने
सभी के लिए
खाना बनवा रखा
था। हम सभी
ने थोड़ा सा
भोजन किया। भोजन
के बाद सभी
यात्रियों ने एक
दूसरे से विदाई
ली और अपने
अपने कार्यक्रम के
अनुसार घरों के
लिए प्रस्थान करने
लगे। मुझे
लेने के लिए
मेरी सिस्टर और
जीजा जी आ
गए थे। हम ने
सभी कैलाशी भाइयो
और बहनो से
पुन: मिलने के
वादे के साथ
विदा मांगी।
इस पावन
यात्रा को करने
के बाद पहला
जैसा कुछ नहीं
था। ऐसा
लगता है जैसे
अंदर से बहुत
कुछ बदल सा
गया है। सांसारिक मोह माया
से पूरी तरह
से तो नहीं
निकल सका, लेकिन
बहुत सी संसारिक इच्छाएँ
अपने आप खत्म
हो गई हैं। सब
जगह शिव तत्व
ही नजर आता
है। ऐसी
है ये पावन
यात्रा।
।।ॐ नमः शिवाय।।
स्वामी विवेकानंद जी का फोटो |
सिस्टर अवेदिता |
काठगोदाम में सब यात्रियों को सर्टिफिकेट मिला |
गुलशन भाई की गाडी |
हमारी बस |
गुलशन भाई द्वारा कैलाश यात्रियों के लिए चाय पानी का प्रबंध |
हमारे ग्रुप की लेडीज |
नीलम जी , मैं और अंजू जी |
गुजरात समाज सदन में हमारा स्वागत इस यात्रा के खर्चे का ब्यौरा |
1.
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Rs.32,000
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केएमवीएन शुल्क:
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2.
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Rs.2,400
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चीनी वीजा शुल्क।
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3.
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Rs.3,100
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नकद या चिकित्सा परीक्षण के लिए 'दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट' के लिए बैंक डिमांड ड्राफ्ट द्वारा देय।
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4.
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2,500
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तनाव इको टेस्ट के लिए देय, यदि चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा की आवश्यकता है।
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5.
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अमेरिका $ 801
(लगभग Rs.49,662 @रु 62 के बराबर) |
तिब्बत में चीनी अधिकारियों को देय; Taklakot पर भोजन; सामान के परिवहन और लिपुलेख दर्रे पर घोड़ा / पोनी की भर्ती के लिए शुल्क सहित परिवहन,; कैलाश मानसरोवर और केजिया मंदिर के लिए प्रवेश टिकट।
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6.
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Rs.8,904
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भारत में पोर्टर का शुल्क आने जाने का
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7.
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Rs.10,666
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भारतीय में पोनी और उस के हैंडलर का आने जाने का शुल्क। यात्रियों धारचूला में ही पोनी के बारे में फैसला करने की जरूरत है।
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8.
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आरएमबी 360
(Rs.3,600 लगभग।) |
तिब्बत में पोर्टर शुल्क (तिब्बती अधिकारियों द्वारा संशोधन के अधीन)।
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9.
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आरएमबी 1,050
(Rs.10,500 लगभग) |
तिब्बत में (तिब्बती अधिकारियों द्वारा संशोधन के अधीन) पोनी और हैंडलर का शुल्क। तिब्बत में कैलाश परिक्रमा के लिए पोनी और पोर्टर की भर्ती का Taklakot में ही निर्णय करना होता है।
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10.
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Rs. 2,000
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अंशदान समूह की गतिविधियों के लिए पैसे पूल करने के लिए।
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11.
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Rs. 20,000
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लगभग इतने रुपए अपने पास भी होने चाहिए
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अति पवित्र यात्रा के सटीक ,सजीव व् सचित्र वर्णन के लिये हार्दिक धन्यवाद ।
ReplyDeleteआपके यात्रा वर्णन ने मानसरोवर की महिमा को सजीव कर दिया ।
इस पोस्ट में लिखे कृतघ्न को कृतज्ञ लिख दें ।
अरुण जी मुझे ख़ुशी है आप ने इस यात्रा का पूरी तरह से आनंद लिया। आप के द्वारा बताई गलती को ठीक कर दिया गया है।
ReplyDeleteअति सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है
ReplyDeleteLet us repeat it
ReplyDeleteThanks You Romesh Ji
ReplyDeleteDear Susheel ji,
ReplyDeleteI have no words for your kailash mansarovar yatra, sir, i thanks you from my deepest heart that you have enjoying us from your travalogue, Sir Every Indian has dreamed do the yatra, but due to some reasons every body is not so lucky, but even after reading your post we have feel that we are also joining you in yatra, so enjoyable, adventurous as well as full of knowledge. I have read it right from beginning so many times, wonderful, aha,
I wish that Bhole shanker kailashpati Bhagwan Mahadev bless you and your family with all the happiness in your life,
Thanks,
Baldev swami
from himachal pardesh
बलदेव जी आप की blessing के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। भोलेनाथ सब का भला करें।
ReplyDeleteजिस यात्रा को करने में आपने २५ दिन लगे उसे मैंने चार घंटे में ही पूरा कर लिया आपका बहूत बहुत
ReplyDeleteशुक्रिया